Diya Jethwani

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लेखनी कहानी -09-Dec-2021

बात उस समय की हैं जब औरंगजेब का परचम पूरे भारत में था..। एक बार औरंगजेब ने अपने सेनापति वजीर खान से कहा की इस गुरु गोविंद सिंह के बारे में बहुत सुना हैं तुम अपनी सेना के साथ जाओ और उसे पकड़ कर मेरे सामने लाओ..। वजीर खान अपने दस लाख सैनिकों को साथ लेकर गुरु गोविंद सिंह को पकड़ने के लिए चल पड़ा..। गुरु गोविंद सिंह को उनके अनुयायियों ने इस बात की जानकारी दी तो वो मुस्कुरा दिए..। तब उनके एक अनुयायी ने कहा गुरु जी वो पूरी दस लाख सैनिकों की सेना साथ लेकर आ रहें हैं और आपके पास सिर्फ चालीस लोगों की छोटी सी टोली हैं..। तब गुरु गोविंद सिंह ने कहा:- अगर मैं हार से पहले ही हार मान गया तो युद्ध में निश्चित रूप से पराजित होऊंगा..। कभी भी ये सोच कर रुकना मत की मैं कमजोर हूँ..। तो क्या हुआ अगर उनके पास दस लाख सैनिक हैं तो...। गुरु गोविंद सिंह आगे बोले:- चिड़िया दे नाल बाज़ लड़ावा.... गीदड़ा नू मैं शेर बनावा... सवा लख नाल एक लड़ावा.. तभी गुरु गोविंद सिंह नाम कहावां...। 

अर्थात :- हमारी चिड़िया तुम्हारे बाज़ से लड़ेगी...। 
             हमारा गीदड़ भी शेर बनकर तुमसे लड़ेगा...। 
             हमारा एक आदमी तुम्हारे सवा लाख लोगों से लड़ेगा..। 

गुरु गोविंद सिंह ने अपने उन्हीं चालीस लोगों के साथ मिलकर उन लाखों सैनिकों से युद्ध लड़ा और जीता भी...। 

विश्वास करना मुश्किल हैं लेकिन यह सत्य हैं..। 
अगर आपके भीतर कुछ करने की चाह हैं... बिना रुके... बिना थके कुछ पाने का जूनून हैं तो सब मुमकिन हैं..। 

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10 Comments

Sudhanshu pabdey

16-Dec-2021 04:17 PM

Nice

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Priyanka Rani

15-Dec-2021 08:31 PM

Nice

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Diya Jethwani

16-Dec-2021 08:34 AM

Thanks

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Kaushalya Rani

14-Dec-2021 08:40 PM

Nice

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